Sarkar e Madina Se Nisbat Ho To Aisi Ho Lyrics

Sarkar e Madina Se Nisbat Ho To Aisi Ho Lyrics

 

 

जो आला हैं वो पस्ती की तरफ़ जाया नहीं करते
खयाल-ओ-हाम अपने दिल में वो लाया नहीं करते
मुह़म्मद मुस्तफ़ा सल्ले अला के चाहने वाले
बजुज़ इश्क़े नबी कुछ और अपनाया नहीं करते

 

सरकारे मदीना से निस्बत हो तो ऐसी हो
खुद प्यारे नबी कह दें उम्मत हो तो ऐसी हो

 

हम भेजे मुह़़म्मद पर हर वक़्त दुरूद ओ सलाम
हर बंदा ए मोमिन की आदत हो तो ऐसी हो

 

जान अपनी बिलाल ने दी चाहत में मुह़म्मद की
बस शाफ़ा ए महशर की चाहत हो तो ऐसी हो

 

दन्दां की शहादत पर सब दांत गिरा डाले
ये दास्तान जंगे ओहद की है दोस्तों
क़िस्सा है ये रसूल के दनदान का सुनो
ज़ख्मी हुए थे जंग में सरताज ए अम्बिया
एक दांत भी शहीद हुआ इसमें नबी का
हज़रत अवैस को लगी जिस वक़् ये ख़बर
तो ग़म की लहर दौड़ गई जिस्म के अंदर
फिर आपने कहा की मैं जो होता वहां पर
कर देता अपनी जान नबी पे मैं निछावर
अफ़सोस नबी से रहा उस वक़्त मैं वईद
दनदाने मुबारक नबी का जब हुआ शहीद
बर्दाश्त इस ग़म को भला मैं कैसे करूंगा
प्यारे नबी से उम्र भर शर्मिंदा रहूंगा
इनको नबी के दांत का बेहद हुआ मलाल
दिल में अवैस करनी के फिर आया ये ख्याल
दनदाने मुबारक नबी का जब नहीं रहा
इक दांत अपना तोड़ दूं ये हक़ करूं अदा
ये सोचते ही तोड़ लिया एक दांत को
फिर सोचने लगे के कहीं दूसरा ना हो
अवैस ने फिर दूसरे भी दांत को तोड़ा
अल-क़िस्सा अपने मुंह में कोई दांत न छोड़ा
इश्क़़ ए नबी में आपने ये करके दिखाया
जितने भी मुंह में दांत थे उन सब को गिराया

 

दन्दां की शहादत पर सब दांत गिरा डाले
सरकार ए दो आलम से उल्फ़त हो तो ऐसी हो

 

हाफ़िज़ तेरे सीने में जो दौलत ए कुरआं है
हर एक मुस्लमां पे दौलत हो तो ऐसी हो

 

अह़मद के नवासे ने सर ह़क़ पे कटा डाला
ये दास्तान सुनिए इमाम ए हुसैन की
ज़हरा के दिल जिगर अली के नूर ए ऐन की
हाकिम यज़ीद जब के हुआ मुल्क़ ए शाम में
तो बढ़ गया तरख़ना शरीअ़त के काम में
थर्राता था यज़ीद से उस वक़्त हर बशर
वो हुकमरानी करता था बे-ख़ौफ़ बे-ख़तर
हाकिम यज़ीद ने दिया हुसैन को पयाम
बैअ़त करो कुबूल हमारी बा-एहतराम
ठुकरा दिए हुसैन ने यज़ीद के उसूल
बैअ़त यज़ीद आपने हरगिज़ ना की कुबूल
और इस त़रफ़ हुसैन को ख़त आये कूफ़ा से
प्यारे हुसैन जल्द कूफ़ा आप आइये
बैअ़त करेंगे आपकी लिक्खा हुसैन को
धोके से कूफ़ियों ने बुलाया हुसैन को
जो कुछ लिखा हुसैन को दिल में वही लिये
हज़रत हुसैन तैबा से कूफ़े को चल दिये
जिस वक़्त के यज़ीद को इसका पता चला
हज़रत हुसैन आ रहे हैं जानिब ए कूफ़ा
ये सुनते ही यज़ीद ने ऐलान कर दिया
हर सम्त अपना जारी ये फ़रमान कर दिया
जो पकड़ेगा हुसैन को ईनाम पायेगा
जो उनको पनाह देगा वोही मारा जायेगा
हुक्म ए यज़ीद पर कई लश्कर सिपेहसालार
सब चल दिये हुसैन के करने को गिरफ़्तार
अल-क़िस्सा जब के जा रहे थे कूफ़े को इमाम
मर्ज़ी ए ह़क़ से कर्बोबला में किया क़याम
करबल में जब के ख़ैमे लगाए इमाम ने
चारों तरफ़ से घेर लिया फौज ए शाम ने
फिर ज़ुल्म एक ऐसा हुआ जाने बतूल पर
पानी भी बंद कर दिया आले रसूल पर
अल्लाह ने हुसैन का जब इंम्तहां लिया
ह़क़ के लिए हुसैन ने सब कुछ लुटा दिया
कासिम को भी, अकबर को भी, हक़ पर फ़िदा किया
मासूम अली असग़र को भी कुर्बान कर दिया
अहमद के नवासे ने खूं ह़क़ पर बहा दिया
हक़ के लिए हुसैन ने सर तक कटा दिया

 

अहमद के नवासे ने सर ह़क़ पे कटा डाला
हर साहिब ए ईमां की हिम्मत हो तो ऐसी हो

 

हर साहिब ए ईमां की हिम्मत हो तो ऐसी हो
खुद प्यारे नबी कह दें उम्मत हो तो ऐसी हो

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