Sarkar Ka Milad Hamesha Hi Sajega Lyrics
Naat Khwan: Hafiz Tahir Qadri
आए आए
मेरे सरकार आये
मेरे दिलदार आये
मेरे ग़मख्वार आये
मरहबा मरहबा मरहबा मरहबा
मरहबा मरहबा मरहबा मरहबा
सदियों से हो रहा है ये कैसे रुकेगा
सरकार का मीलाद हमेशा ही सजेगा
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मिलाद, हमेशा ही सजेगा
चाहत है लगन है दुनिया ही मगन है
घर घर मीलाद हो सुन्नी का मिशन है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
सरकार आ गये दिलदार आ गये
ग़मख्वार आ गये लजपाल आ गये
जब पीर का दिन आया तारीख़ हुई बारह
बी आमिना के घर में इक चांद उतर आया
आपस में फ़रिश्तों ने मब्रूक कहा सबको
के आज हुआ पैदा जो शाहे ज़माना है
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
स्टेज लगायेंगे, दरियों को बिछायेंगे
हम साउण्ड लगा करके महफ़िल को सजायेंगे
और सारे महल्ले को परचम से सजायेंगे
आक़ा की विलादत की धूमें जो मचाना हैं
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
यूँ सरवरे आलम का मीलाद मनाए
आक़ा की हर अदा को ज़िन्दगी में लाएं
अपने नबी की सुन्नत चेहरे पे भी सजाएं
ग़ैरों की महोब्बत को अब दिल से निकालें
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
गिलमा ने जिना ने भी जन्नत को सजाया था
जिब्रील ने काबे पे झंडे को लगाया था
हर दौर में मोमिन ने मीलाद मनाया था
इस्लाम में जारी है त्योहार बुरा ना है
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
मोज़न की हदीसों में ये क़ौल-ए-सहाबा है
खुद सरवरे आलम ने मीलाद मनाया है
इस दिन के तश्क्कुर में लंगर भी खिलाया है
सुन्नत से ये साबित है दुनिया को बताना है
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
सरकार आ गये दिलदार आ गये
ग़मख्वार आ गये लजपाल आ गये
प्यारी सूरत हस्ता चेहरा मुँह से झड़ते फूल
नूर सरापा चाँद सा चेहरा हक़ का प्यारा रसूल मदनी
जबकि सरकार तशरीफ़ लाने लगे
हूरो ग़िलमा भी खुशियां मनाने लगे
हर तरफ़ नूर की रौशनी छा गयी
मुस्तफ़ा क्या मिले ज़िन्दगी मिल गई
ए हलीमा तेरी गोद में आ गए
दोनों आलम के रसूल…..
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
हो घर में अगर शादी दौलत को लुटाना है
तू घर भी सजाता है खाना भी खिलाता है
मिलाद-ए-मुह़म्मद पे क्यों शोर मचाता है
बस जश्ने विलादत ही क्यों तेरा निशाना है
सदियों से हो रहा है ये कैसे रुकेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
अहकामे शरीअ़त से मिलादी नहीं हटते
मिलाद की हुरमत को पामाल नहीं करते
जो जश्ने मुहम्मद की बे हुर्मति करते हैं
तहज़ीब-ओ-अदब इनको हमने सिखाना है
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
मीलादे मुह़म्मद है रहमान बड़ा खुश है
आयत बताती है कुरआन बड़ा खुश है
मोमिन की सदा आई ईमान बड़ा खुश है
शैतान के इलावा खुश सारा ज़माना है
खुशियों का समां है मस्ती में जहाँ है
मीलाद-ए-नबी पर हर कोई फ़िदा है
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
हमेशा हमेशा, हमेशा ही सजेगा
सरकार का मीलाद, हमेशा ही सजेगा
जो जश्ने मुह़म्मद पे दौलत को लुटाता है
आक़ा की सख़ावत से वो खुल्द में जाता है
मह़शर में हुज़ूर आएं ऐ काश ये फरमायें
इरफ़ान तुम्हारा तो जन्नत ही ठिकाना है
सरकार आ गये दिलदार आ गये
ग़मख्वार आ गये लजपाल आ गये
सरकार आ गये दिलदार आ गये
ग़मख्वार आ गये लजपाल आ गये