Un Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete Hindi Lyrics
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
ये हवाले मुझे रुस्वा नहीं होने देते
ये हवाले मुझे रुस्वा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
मेरे हर ऐब की करते हैं वो पर्दा-पोशी
मेरे जुर्मों का तमाशा नहीं होने देते
मेरे जुर्मों का तमाशा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
अपने मँगतों की वो फ़िहरिस्त में रखते हैं सदा
मुझ को मोहताज किसी का नहीं होने देते
मुझ को मोहताज किसी का नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
है ये ईमान के आएँगे लहद में मेरी
अपने मँगतों को वो तन्हा नहीं होने देते
अपने मँगतों को वो तन्हा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
नात पढ़ता हूँ तो आती है महक तयबा की
मेरे लहजे को वो मैला नहीं होने देते
मेरे लहजे को वो मैला नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
आप की याद से रहती है नमी आँखों में
मेरे दरियाओं को सहरा नहीं होने देते
मेरे दरियाओं को सहरा नहीं होने देते
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
हुक्म करते हैं तो मिलते हैं ये मक़्ते शाकिर !
आप न चाहें तो मतला नहीं होने देते
आप न चाहें तो मतला नहीं होने देते
शायर:
तन्वीरुल्लाह शाकिर