मेरी गवाही मेरी शहादत मदीने वाले के हाथ में है

मेरी गवाही, मेरी शहादत मदीने वाले के हाथ में है
मेरी नमाज़ और मेरी जन्नत मदीने वाले के हाथ में है

ये इल्मो-फ़ज़्लो-कमालो-हिकमत मदीने वाले के हाथ में है
ये सरबुलन्दी, ये शानो-शौकत मदीने वाले के हाथ में है

ज़बूरो-तौरेत भी है बरहक़, मगर मुझे इनकी क्या ज़रुरत
मेरी किताब और मेरी हिदायत मदीने वाले के हाथ में है

दिखा के तहज़ीब के उजाले, मुझे न बहकाए दुनिया वाले
मैं जानता हूँ ख़ुदा की रहमत मदीने वाले के हाथ में है

ख़ुदा का रहमो-करम है सब पर, वही है दोनों जहां का मालिक
मगर बक़ौले रज़ा हुकूमत मदीने वाले के हाथ में है

वो राहबर भी, वो पासबां भी, वो इल्म वाले हैं ग़ैब-दां भी
ख़ुदा की बख़्शि हर एक नेअमत मदीने वाले के हाथ में है

गवाही देता है सेहने-अक़्सा, जो सारे नबियों ने सफ बनाई
कहा ये जिब्रील ने इमामत मदीने वाले के हाथ में है

हज़ार आएं बलाएं लेकिन, बलाएं कुछ भी न कर सकेंगी
बता दो उन से मेरी हिफाज़त मदीने वाले के हाथ में है

बहोत हैं महशर की गर्म ख़बरें, मगर मुझे कोई डर नहीं है
मुझे यक़ीं है मेरी शफ़ाअत मदीने वाले के हाथ में है

ख़ुदा को मालूम है ये आबिद ! किसी से कहने की क्या ज़रुरत
मदीने वाले की प्यारी उम्मत मदीने वाले के हाथ में है

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