मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
शमशुद्दोहा नबी
बदरूद्दोजा नबी
खैरुलवरा नबी
नूरुलहुदा नबी
आँखों में अश्कों के नज़राने लेकर
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
खुदा मुझको देगा, देता रहेगा
मैं सदक़ा मुहम्मद का खाता रहूँगा
आँखों में अश्कों के नज़राने लेकर
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
सल्लेअला नबीयेना, सल्लेअला मुहम्मदिन
सल्लेअला नबीयेना, सल्लेअला मुहम्मदिन
बुलाऊंगा सारे दीवाने नबी को
सजाऊंगा मैं अपने छोटे से घर को
जब तक है मेरी ये सांसों का बंधन
मिलादे नबी मैं मनाता रहूँगा
आँखों में अश्कों के नज़राने लेकर
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
शमशुद्दोहा नबी
बदरूद्दोजा नबी
खैरुलवरा नबी
नूरुलहुदा नबी
मैं मुस्तफा के हूँ मुखड़े का आशिक़
ज़माने की नज़रें मुझे क्या लगेंगी
मुझपे करम है ये मेरे नबी का
मैं इज़्ज़त ज़माने में पाता रहूँगा
आँखों में अश्कों के नज़राने लेकर
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
सल्लेअला नबीयेना, सल्लेअला मुहम्मदिन
सल्लेअला नबीयेना, सल्लेअला मुहम्मदिन
इश्क़े नबी में अक़ीदा है मेरा
मरके भी रोशन रहेगी ये आंखें
आक़ा तेरे नाम को चूम कर मैं
पलकों पे अपनी लगता रहूँगा
आँखों में अश्कों के नज़राने लेकर
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा
शमशुद्दोहा नबी
बदरूद्दोजा नबी
खैरुलवरा नबी
नूरुलहुदा नबी
मैं आक़ा की महफ़िल सजाता रहूँगा