Doodh Peene Ki Dua Arabic & Hindi | दूध पीने की दुआ हिन्दी में

Doodh Peene Ki Dua Arabic & Hindi | दूध पीने की दुआ हिन्दी में

 

 

दूध पीने की दुआ अरबी और हिंदी में |

इस्लाम में कोई भी काम करने से पहले कुछ लफ्ज़ जुबान से अदा किये जाते हैं और उन लफ्ज़ों को दुआ के नाम से जाना जाता है। कोई मुसलमान जब खाता पीता है, सोता जागता है, कोई काम शुरू करता है या ख़त्म करता है तो उस वक़्त इन दुआओं का पढ़ना दुनिया और आख़िरत के लिहाज़ से बहुत फ़ायदेमंद बताया गया है। और इन दुआओं का विर्द हमारे नबी हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) दुआओं का विर्द फरमाते रहते थे और अपनी उम्मत को भी इस पर अमल करने की ताकीद फ़रमाई।

दुआएं क्यूँ ज़रूरी हैं ?

  1. अल्लाह से ताल्लुक़ मज़बूत होता है।
  2. अल्लाह की जानिब से हमारी नेअमतों में बढ़ोतरी होती है।
  3. खुद अल्लाह तआला हर काम में सही रास्ते की रहनुमाई फरमाते हैं।
  4. शैतान से, बुरी बलाओं से, आने वाली आफ़तों से मुसीबतों से हिफ़ाज़त हो जाती है।
  5. नेक कामों और अल्लाह की इबादत करने की तौफ़ीक़ मिलती है।

सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक ज़िन्दगी के अलग अलग पहलुओं पर इन दुआओं को पढ़ते रहने के बड़े फ़ायदे बताये गए हैं। उन में से एक पहलू खाने पीने के वक़्त का है क्यूंकि ये चीज़ हर इन्सान की ज़िन्दगी से जुड़ी हुई है और इस वक़्त दुआ पढने की बड़ी अहमियत है। इसलिए है कि खाने में जो भी अल्लाह की नेअमत खा रहे हैं उस वक़्त और तब जब पीने में जो भी अल्लाह की नेअमत से अपने आपको सैराब कर रहे हैं तो साथ ही अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे हैं।

तो आज हम आपको पीने के लिए एक बहुत अहम् चीज़ जो अल्लाह के रसूल (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) की पसंदीदा चीज़ है वो है दूध जो इंसानी ज़िन्दगी के लिए बहुत ज़रूरी है उसके पीने पर जो दुआ पढ़ी जाती है उस दुआ को हम आपके सामने बयान करेंगे।

दूध पीने से पहले की दुआ Arabic: اَللّٰھُمَّ بَارِکْ لَنَا فِیْہِ وَزِدْنَا مِنْہٗ English: Allahumma Barik Lana Fihi Wazidna Minhu Hindi: अल्लाहुम्मा बारिक लना फ़ीहि व ज़िद्ना मिन्ह Translation: ए अल्लाह! इसमें हमारे लिए बरकत अता फरमा और हमें ज़्यादा अता फरमा।

जब आप दुआ को पढ़ लेते हैं तो न सिर्फ आप ने उस चीज़ से फ़ायदा हासिल किया बल्कि उस नेअमत का शुकराना भी अदा हो गया और अल्लाह तआला कुरआन पाक में फरमाते हैं “अगर तुम शुक्र करोगे तो हम नेअमतों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) करेंगे” तो अगर शुक्राने के लिए ये चंद अल्फ़ाज़ कह लेंगे तो इसमें हमारा ही फ़ायदा है। अल्लाह हमें अपनी नेअमतों से मालामाल फरमाए।

 

 

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