नात शरीफ
Tu Hi Tu Bas Tu Hi Lyrics IN Hindi
Aane Walo Yeh To Batao Lyrics in Hindi
Aamal Nahin Kuch Bhi Yeh Haal Hamara Hai Lyrics IN Hindi
बांधूं जो मदीने का सफर कैसा लगेगा
हो मुबारक आ गया है हज का मौसम मोमिनो
दरपेश हो तयबा का सफर कैसा लगेगा
फूल भी मुस्कुराने लगा है पत्तियां मुस्कुराने लगी हैं
मेरा दिल और मेरी जान मदीने वाले
तजल्लियों की केहकशां हुसैन है हुसैन है
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
अल्लाह की रज़ा है मुहब्बत हुसैन की
सय्यदी अन्त हबीबी (मुद्दआ़ ज़ीस्त का मैंने पाया)
मेरी उल्फत मदीने से यूँ ही नहीं मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है
मौला तेरा करम है मैं हूं ग़ुलाम तेरा
मेरे नबी के प्यारे नवासे मेरे प्यारे हुसैन
बतूले-पाक के सदक़े करम में रेहता हूं
फ़रिश्ते जिस के ज़ाइर हैं मदीने में वो तुर्बत है
लजपाल नबी मेरे दर्दां दी दवा देणा
मौला की रेहमतों का ख़ज़ीना नज़र में है
मेरे लिये मेरे आक़ा ने बात की हुई है
अल्लाह पढ़ता है दुरूद अपने हबीब पर
अल्लाह अल्लाह शहे कोनैन जलालत तेरी
मेरे अह़मद रज़ा तुम हो सब से जुदा
आप का इरफ़ाँ दो-बाला सय्यिदि अह़मद रज़ा
दिल दर्द से बिस्मिल की तरह लोट रहा हो
ज़रा छेड़ तू नग़्मा-ए-क़ादरिय्यत के हर तार बोलेगा तन तन तना तन
मेरे ग़ौस पिया जीलानी हैं महबूब-ए-सुब्हानी
रब की रहमत के तलबगार ! चलो ना’त पढ़ें
हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा ! हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन
ग़ौस-ए-आज़म का दरबार अल्लाह ! अल्लाह ! क्या कहना
चाँद-सितारों से बढ़ कर है ज़र्रा ग़ौस-ए-आ’ज़म का
सय्यिद-उल-औलिया नाइब-ए-मुस्तफ़ा मेरे ग़ौस-उल-वरा
क़िब्ला-ए-बरकात हैं या ग़ौस-ए-आ’ज़म दस्त-गीर
मनाक़िब की महफ़िल सजाते रहेंगे सदा ग्यारहवीं हम मनाते रहेंगे
शेहरे-नबी तेरी गलियों का नक़्शा ही कुछ ऐसा है
ज़माने भर में ढूँढा है मुहम्मद सा नहीं कोई
ख़ुदा के प्यारे, नबी हमारे, रऊफ़ भी हैं, रह़ीम भी हैं
दर से न टाल साक़िया सदक़ा दिये बग़ैर
न कोई सानी, न कोई साया हुज़ूर जैसा कोई नहीं है
नूर वाले आक़ा का जश्ने-विलादत आया है
सरकार का नौकर हूँ, कोई आम नहीं हूँ
ख़ैरात लेने आ गए मंगते तुम्हारे ख़्वाजा
शाहे-मर्दां, शेरे-यज़दां क़ुव्वते-परवरदिगार
Meda Ishq Vi Toon Meda Yaar Vi Toon Lyrics
Ithan Main Muthri Nit Jaan Ba Lab Lyrics
हश्र में फिर मिलेंगे मेरे दोस्तों
जब तक जियूं मैं आक़ा कोई ग़म न पास आए
हम अपने नबी पाक से यूँ प्यार करेंगे
उनकी जामे-जम आंखें, शीशा-ए-बदन मेरा
मौला या स़ल्ली व सल्लिम दाइमन अबदन
मदीना छोड़ कर अब उनका दीवाना न जाएगा
आख़री उम्र में क्या रौनके-दुनियां देखूं
मरने की है तमन्ना ना जीने की आरजू
एक ख़्वाब सुणावां पुरनूर फ़िज़ावां
तुझे रब ने क्या बनाया मक्का-मदीने वाले
बुलालो फिर मुझे ऐ शाहे-बहरोबर मदीने में
चमक तुझ से पाते हैं सब पाने वाले
आँखों में मदीने की तस्वीर निराली है
ज़माने की निग़ाहों में वो रुस्वा हो नहीं सकता
नज़र से जाम पिलाना हुजूर जानते है
जिंदगी का हासिल है आरजू मदीने की
कभी उन का नाम लेना कभी उन की बात करना
वारी जाऊँ सदक़े जाऊँ मुर्शिदी अत्तार पर
चलो दियारे-नबी की जानिब दुरूद लब पर सजा सजा कर
बे तलब भीक यहाँ मिलती है आते जाते
इस करम का करूँ शुक्र कैसे अदा Lyrics
टुकड़े किये क़मर के तो सुरज फिरा दिया Lyrics
हबीब प्यारा नज़र उठाए Naat Lyrics
सर से लेकर क़दम तक है वो मोजज़ा Lyrics
दुरूद पड़ते हुवे जब भी इब्तिदा की है Lyrics
अजमेर चल के देखो रुत्बा अली के घर का Lyrics
ज़माने में अगर देखी तो शाने-क़ादरी देखी Lyrics
अजमेर मेरी मंजिल बगदाद है ठिकाना Naat Lyrics
मेरा मेरा मेरा नबी है Naat Lyrics
तू शाहे-खूबाँ तू जाने-जानां Naat Lyrics
मुनव्वर मेरी आँखों को Naat Lyrics
दर-ए-नबी पर ये उम्र बीते Naat Lyrics
माह-ए-रमज़ां माह-ए-रमज़ां Naat Lyrics
मीठा मीठा मेरे मुहम्मद का नाम Naat Lyrics
बिस्मिल्लाह कर बिस्मिल्लाह लख लख बार
मुबारक हो शहे जूदो सख़ा का चाँद निकला है
ईदे मीलादुन्नबी है दिल बड़ा मसरूर है
अल्लाह की सर ता ब क़दम शान है ये
मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या
ए शहेनशाहे मदीना अस्सलातो वस्सलाम
आंखे भिगो के दिल को हिलाकर चले गए
रुख़ दिन है या मेहरे समा येह भी नहीं वोह भी नहीं
मदद कर मेरी दो जहाँनों के मालिक
अमीना बीबी के गुलशन में आई है ताजा बहार
ए मौला एक बार दिखा दे जलवा नूर वाले का
अल्लाह ने पहुंचाया सरकार के कदमों में
ए इश्के नबी मेरे दिल में भी समा जाना
आया रमजान का महीना काफिला चला सूए मदीना
अहमद रजा का ताजा गुलिस्तां हे आज भी
मेरी गवाही मेरी शहादत मदीने वाले के हाथ में है
ज़मीं मैली नहीं होती ज़मन मैला नहीं होता
या नबी सब करम है तुम्हारा ये जो वारे-न्यारे हुए हैं
ये वो रोज़ा है जहाँ दिल नहीं तोड़े जाते
सुकून पाया है बे-कसी ने हुदूदे-ग़म से निकल गया हूँ
या मुहम्मद मुहम्मद मैं कहता रहा नूर के मोतियों की लड़ी बन गई
ज़िंदगी दी है तो जीने का क़रीना दे दे
ज़मीं से अर्श-ए-आज़म तक नबी का बोल-बाला है
जो वि मंगा मैनु सरकार अता करदे ने
इन्शाअल्लाह सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
ज़माना छूटे हम न छोड़ेंगे दरे ग़रीब नवाज़
कोई नहीं है मुश्किल जब ख़्वाजा बादशाह है
चर्चा है तेरा आँगन आँगन या ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन
दिल-ए-उशाक़ में यूँ अज़मते-सिद्दीक़े-अकबर है
मुस्तफ़ा मुस्तफ़ा (वो है मेरा नबी, वो है मेरा नबी)
जिस शख़्स का सरकार पे ईमान नहीं है
बाग़े-जन्नत में निराली चमन आराई है
करम के बादल बरस रहे हैं दिलों की खेती हरी भरी है
अली वाले जहा बैठे वहीं जन्नत बना बैठे
आमदे मुस्तफा से हे फूला फला चमन चमन
सुन तयबा नगर के महाराजा फ़रियाद मोरे इन असुवन की
अब मैरी निगाहों में जचता नहीं कोई
अल्लाह मेरा दहर में आला मकाम हो
पार बेड़े को लगा देते हैं गौस ए आजम ।
चांद मदीने का अर्श का सितारा है।
समझना यह नहीं आसां कि क्या अख्तर रजा तुम हो
जीते हैं रजा की चाहत में हम आला हजरत वाले हैं
मरहबा ए जाने-जानां जाने-ईमां या नबी
पहंजी साईं चौंठ चुमायो सुहिणी दरबार घुमायो
नाते-पाक उनको सुनाऊँ सब्ज़ गुम्बद देख कर
ईमान ख़ुदा ने हमको दिया सरकार की आमद के सदक़े
मैं क़ादरी दीवाना मैं क़ादरी मस्ताना
आँखों में नूर आ गया है जिस ने मदीना देखा है
बेहरे दीदार मुश्ताक़ है हर नज़र दोनों आलम के सरकार आ जाइये
चमकने लगा सुन्नियत का सितारा बरेली में अहमद रज़ा जब से आये
ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ
अल्लाह तेरा शुक्र है मौला तेरा शुक्र है
मो’जज़ा मेरे नबी का कह दिया तो हो गया
मेरी क़िस्मत जगाने को नबी का नाम काफी है
ये नाज़ ये अंदाज़ हमारे नहीं होते
फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं
हरा गुम्बद जो देखोगे ज़माना भूल जाओगे
धूम हर जानिब मची है आप के मीलाद की
आक़ा के दीवाने हैं, आक़ा के मस्ताने हैं
मेरा मज़बूत है ईमान मैं आ’ला हज़रत वाला हूँ
Ochiaan lamiaan laal khajooran ty pattar jinhan dy saway Lyrics
सर ता ब क़दम है तने सुल्त़ाने ज़मन फूल
सहारा चाहिये सरकार जिन्दगी के लिये
पैग़ाम सबा लाइ है गुलज़ारे नबी से
ख़राब ह़ाल किया दिल को पुर मलाल किया
दिल की दुआ है मौला इमान दिल पे लिख दे
बस्ती मेरे वीरान मुक़द्दर की बसा दी
प्यारे नबी की आँख के तारे हुसैन हैं
नबी के हुस्न के आगे ये चाँदनी क्या है
रबी’उन्नूर आया है रबी’उन्नूर आया है
मिल जावण यार दियाँ गलियाँ असाँ सारी ख़ुदाई कीह करनी
जाँ की दीवार गिरा दे तो मज़ा आ जाए
मेरी झोली को भर दे, ए ख़ुदा ! सदक़े मुहम्मद के
मेरी बात बन गई है तेरी बात करते करते
ख़ाक-ए-मदीना होती मैं ख़ाकसार होता
इक न इक दिन ये मद्दाह-ए-ख़ैरुल-बशर नाम अपना ज़माने में कर जाएगा
यादे नबी का गुलशन मेहका मेहका लगता है
पुश्तों से मैं नसीर हूँ मंगता हुसैन का
कोई दुनिया-ए-अता में नहीं हमता तेरा
मैं किस मुँह से बोलूँ, हुज़ूर आप का हूँ
फैला है चारो सम्त अँधेरा मेरे हुज़ूर लिल्लाह अब तो कीजे उजाला मेरे हुज़ूर
अल्फ़ाज़ नहीं मिलते सरकार को क्या कहिये
मैं बंदा-ए-‘आसी हूँ ख़ता-कार हूँ मौला !
पत्ता पत्ता बूटा बूटा ज़िक्रे खुदा में खोया
मेरे नबी लज-पाल दियाँ क्या बाताँ ने
जिथे मदनी दा डेरा ए नी जिंदड़िये चल चलिये
रहते हैं मेरे दिल में अरमान मदीने के
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैनाँ मिलाय के
या रब ! सू-ए-मदीना मस्ताना बन के जाऊँ
उन के जल्वों की झलक से जो उजाले होंगे
आप हैं बहार या नबी दिल का हैं क़रार या नबी
अपने दामान-ए-शफ़ा’अत में छुपाए रखना मेरे सरकार ! मेरी बात बनाए रखना